The Basic Principles Of Shiv chaisa

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

Chalisa is a forty-verse prayer devoted to a particular Hindu God or Goddess. The verses of the Chalisa glorify the acts and deeds in the deities. It has verses praying into the Lord for ending sorrow in our life and provides peace, wellbeing, and prosperity.

समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।

भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।

अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद‍्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।

दुष्ट सकल shiv chalisa lyricsl नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा

Glory to Girija’s consort Shiva, that's compassionate towards the destitute, who generally protects the saintly, the moon on whose forehead sheds its beautiful lustre, and in whose ears tend to be the pendants with the cobra hood.

सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।

शिव आरती

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